बारामती विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र की राजनीति में अजीत पवार ने शरद पवार की हैसियत काफी कम कर दी है. अब बारामती का विधानसभा चुनाव चाचा-भतीजे के लिए हैसियत से ज्यादा नाक का सवाल बन गया है. अपनी नाक बचाने के लिए शरद पवार ने एक दांव चला है. संसदीय राजनीति छोड़ने का संकेत देकर. लेकिन, इसके साथ ही वह राजनीति में परिवारवाद की जड़ और मजबूत कर गए. देखिए, इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कैसे सभी पार्टियों ने परिवारवाद को हवा दी है.