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Indian diplomat Bhavika, who gave a piece of her mind to Pak PM in UNGC, gave UPSC exam inspired by her mother | EduCare न्यूज: UNGC में पाक PM को खरी-खरी सुनाने वाली भारतीय डिप्लोमैट भाविका, मां से प्रेरित होकर UPSC एग्जाम दिया

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22 मिनट पहले

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मिस्टर प्रेसिडेंट,

अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज इस असेंबली का मजाक उड़ाया गया है। एक देश (पाकिस्तान) जिसे उसकी सेना चलाती है और दुनियाभर में जो आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जाना जाता है, उसमें इतनी हिम्मत है कि वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) पर अटैक कर रहा है। मैं यहां पाकिस्तानी प्राइम मिनिस्टर की स्पीच की बात कर रही हूं जिसमें उन्होंने भारत पर सीधा निशाना साधने की कोशिश की।

पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद का हमेशा ही धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है। पाकिस्तान ने हमारे पार्लियामेंट पर अटैक किया, हमारी फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई पर अटैक करवाए, हमारे मार्केट्स में बम लगाए और यहां तक की हमारे तीर्थ स्थलों के रूट (अमरनाथ यात्रा) पर हमले किए। ये लिस्ट काफी लंबी है। ऐसा देश हिंसा पर बात कर रहा है, ये दोगलापन नहीं तो और क्या है। इनके यहां चुनावों में धांधली होती आई है और ये हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश की पॉलिटिकल चॉइसेज पर बात कर रहे हैं।

असल सच्चाई तो ये है कि पाकिस्तान हमारे इलाके पर कब्जा करना चाहता है और वो लंबे समय से जम्मू एंड कश्मीर के इलेक्शन्स में आतंकवाद के जरिए बाधा डालता रहा है। पाकिस्तान को अब समझ लेना चाहिए कि अगर वो इसी तरह भारत के खिलाफ क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा तो इसका नतीजा उसे भुगतना होगा। उस देश के प्राइम मिनिस्टर ने यहां स्पीच दी। लेकिन हम सभी को उन्हें ये साफ कर देना चाहिए कि उनका कहा एक भी शब्द हमें स्वीकार्य नहीं है। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई को दबाने के लिए आगे भी कई झूठ बोलेगा लेकिन मैं बता देना चाहती हूं कि बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा (भारत का) का स्टैंड एकदम साफ है और हमे इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।

ये हैं भाविका मंगलनंदन जो शुक्रवार को हुए यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली यानी UNGA के 79वें सेशन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बातों का जवाब दे रही थीं। दरअसल 20 मिनट के अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने भारत से आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को पलटने को कहा ताकि ‘स्थायी शांति सुनिश्चित हो सके’। शरीफ ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करने का भी सुझाव दिया।

भाविका अपने इस तीखे जवाब के लिए इन दिनों चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर देश के लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।

कौन है भाविका मंगलनंदन?

भाविका मंगलनंदन एक इंडियन डिप्लोमैट हैं जो यूनाइटेड नेशन्स में भारत की परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव हैं।

भाविकाल मंगलनंदन केरल के एलमकुलम की रहने वाली हैं। उनकी मां एक सरकारी कर्मचारी हैं जो अपने क्षेत्र की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काम करती हैं। मां से प्रेरणा लेकर ही इंजीनियरिंग कर चुकी भाविका समाज से जुड़कर काम करना चाहती थीं और इसी वजह से उन्होंने UPSC एग्जाम देने के बारे में सोचा। UPSC में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट ज्योग्राफी था।

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