बिहार में एक दलीय शासन की परंपरा दो दशक पहले टूटी तो अब तक वैसी ही है. गठबंधन की सरकारें बनती रही हैं. चुनाव होते हैं, पर किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलता. आश्चर्य की बात यह कि जिस किसी गठबंधन की सरकार बने, सीएम नीतीश कुमार ही बनते रहे हैं. इस बार तेजस्वी के आगे नीतीश का कद घटता नजर आ रहा है. भाजपा नीतीश को समेटने पर तुली है. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या नीतीश कुमार द्वारा स्थापित यह परंपरा इस बार टूट जाएगी?